आंखे फड़कना अनहोनी नहीं…हो सकती है ये बड़ी बीमारी

Written by Juli Kumari

@Health Expert

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आज के युग में भी लोग आंखों के फड़कने पर शगुन-अपशगुन होने जैसी बातों पर भरोसा रखते हैं। खासतौर पर भारत देश में आंख फड़कने का अलग-अलग मतलब निकाला जाता है। यहां तक की महिलाओं और पुरूषों में आंख के फड़कने के अलग-अलग मायने निकाले जाते हैं। जी हां, लोगों का ऐसा मानना है कि अगर महिलाओं की बायीं आंख फड़कती है तो उसके जीवन में सुख–समृद्धि दस्तक देने वाली है। वहीं पुरूषों में आंख फड़कना किसी अनहोनी के साथ जोड़ा जाता है।

आंखे फड़कना अनहोनी नहीं…हो सकती है ये बड़ी बीमारी

  1. दाहिनी आंख फड़कने का मतलब
  2. बांयी आंख क्यों फड़कती है?
  3. आंख फड़कने के मनोवैज्ञानिक कारण

दाहिनी आंख फड़कने का मतलब

दाहिना आंख के फड़कने (right eye blinking) की बात करें तो लोग ये सोचते हैं कि ये आंख क्यों फड़क रही है? ऐसे में अगर पुरूषों की दाहिनी आंख फड़क रही है तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। कहा जाता है कि अगर पुरूष की दांयी आंख फड़क रही है तो इस स्थिति में उस व्यक्ति के सभी शारीरिक कष्ट दूर होने वाले हैं। इतना ही ऐसा भी मानते हैं कि उसके घर में सुख-शांती दस्तक देने वाली है। साथ ही परिवार के सभी सदस्यों का मनोबल बढ़ने वाला है।
वहीं महिलाओं के लिए कहा गया है कि यदि किसी महिला की दाहिनी आंख फड़क रही है तो इसका अर्थ है किसके साथ कुछ अनहोनी होने वाली है। यदि एक ही आंख बार-बार फड़क रही है तो उस महिला को किसी रोग का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं उसे किसी दुर्घटना या परिवार से बिछड़ने जैसी पीड़ा का भी सामना करना पड़ सकता है।

बांयी आंख क्यों फड़कती है?

वैसे तो बायीं आंख की पुतली का फड़कना (left eye blinking) सौभाग्य को दर्शाता है। लेकिन इसमें भी लोग ये देखते हैं कि आंखें पुरूष की फड़क रही है या महिला की? ऐसे में अगर पुरूष की बांयी आंख फड़क रही है तो इसका अर्थ ये है कि उसके जीवन मे अब कष्ट का समय नज़दीक आने वाला है। उसे किसी पीड़ा या दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं यदि आंखों के निचला हिस्सा फड़क रहा है तो ऐसे में ये आर्थिक हानि की तरफ संकेत करता है।
पुराने समय की बातों में विश्वास रखने वाले लोगों का मानना है कि महिलाओं की बांयी आंख फड़कने का अर्थ है कि उनके जीवन में कुछ अच्छा और नया होने वाला है। यदि कुंवारी कन्या की बांई आंख फड़क रही है तो इसका अर्थ ये है कि जल्द ही शादी के योग बनने वाले हैं। साथ ही कहीं घूमने-फिरने का भी प्लान बन सकता है।

आंख फड़कने के मनोवैज्ञानिक कारण

जैसा की हमने ऊपर बताया आंखे फड़कने का लोग अलग-अलग मतलब निकालते हैं। कोई इसे अंधविश्वास के साथ जोड़ता है तो कोई इसका मनोवौज्ञानिक कारण ढूंढता है। ऐसे में ये जानना भी बहुत ज़रूरी है कि इसका मनोवैज्ञानिक कारण क्या है। मनोवैज्ञानिक कारण एक ऐसा तथ्य है तो अंधविश्वासों पर से पर्दा उठाकर सत्य कारण बताता है।

  • मांसपेशियों में ऐंठन- मनोवैज्ञान के अधार पर आंख फड़कने को ‘मायोकेमिया’ कहा जाता है। ये एक बीमारी है जो आंखों में ऐंठन के कारण हो जाती है। ज़्यादा देर तक एक ही चीज़ को ध्यान से देखना या मोबाइल का इस्तेमाल करने के कारण आंखों की मांसपेशियों में सिकुड़न और ऐंठन आ जाती है जिसके कारण आंखे फड़कती है।
  • तनाव- आंखें फड़कने का सबसे आम कारण तनाव, डिप्रेशन और आई ट्विचिंग आदि है।
  • शुष्क आंखें- शुष्क आंखों की समस्या 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में होना आम बात है। इतना ही नहीं ये उन्हे भी हो जाता है जो कंप्यूटर का ज़्यादा उपयोग करते हैं।
  • एलर्जी- आंखों में होने वाली आम समस्याएं जैसे आंखों में खुजली, सूजन और पानी आने के कारण भी आंखे फड़क सकती है। ये आंखों को मसलने और रगड़ने के कारण हो जाता है।
  • थकान- नींद पूरी ना होने के करण आंखे फड़कने लगती हैं। इतना ही नहीं। नींद पूरी ना लेने से आंखों में जलन, खुजली, और लालीमा भी आ जाती है।

यदि आपकी भी आंखे फड़कती हैं तो ऐसे में आपको ऊपर दिए गई बातों के बारे में पता होना चाहिए।